(ETF&)एक प्रकार का निवेश फंड होता है, जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है, जैसे कि सामान्य शेयर। यह एक म्यूचुअल फंड और स्टॉक के गुणों का मिश्रण है। इसे व्यक्तिगत स्टॉक की तरह खरीदा और बेचा जा सकता है। ETF को कमोडिटी की कीमत से लेकर सिक्योरिटीज के बड़े और विविध संग्रह तक किसी भी चीज़ को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है।
Table of Contents
यहां विभिन्न प्रकार के ETFs की जानकारी दी गई है:
1. इक्विटी (Equity ETF)
ये Nifty 50 ETF, Sensex ETF, S&P 500 एट किसी विशेष शेयर बाजार या इंडेक्स को ट्रैक करना। निवेशक इनका उपयोग इक्विटी बाजार में निवेश के लिए करते हैं। ETFs सीधे शेयर बाजार के इंडेक्स या किसी विशेष इंडस्ट्री के स्टॉक्स में निवेश करते हैं।
2. बॉन्ड (Bond ETF)
ये Treasury Bond ETF, Corporate Bond ETF बॉन्ड के बाजार में विविधता और सुरक्षित रिटर्न की पेशकश करना।सरकारी बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड, या अन्य प्रकार के फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं।
3. कमोडिटी (Commodity ETF)
येGold ETF, Silver ETF, Oil ETF निवेशकों को कमोडिटी बाजार में निवेश का विकल्प देना, बिना वास्तविक कमोडिटी को खरीदे या स्टोर किए। ETFs किसी विशेष कमोडिटी जैसे सोना, चांदी, या कच्चे तेल में निवेश करते हैं।
4. सेक्टर या इंडस्ट्री (Sector/Industry ETF)
Technology ETF, Healthcare ETF, Financial Services ETF किसी विशेष सेक्टर में निवेश करना जो निवेशक को उस क्षेत्र की ग्रोथ से लाभ पहुंचा सके। किसी विशेष इंडस्ट्री या सेक्टर में निवेश करते हैं, जैसे कि IT, बैंकिंग, हेल्थकेयर, एनर्जी, आदि।
5. अंतर्राष्ट्रीय (International ETF)
विदेशी बाजारों में निवेश का अवसर प्रदान करना। यह वैश्विक विविधीकरण में मदद करता है। ETFs अंतर्राष्ट्रीय बाजारों या देशों के इंडेक्स को ट्रैक करते हैं।
6. मल्टी-एसेट (Multi-Asset ETF)
ये एक ही फंड के माध्यम से विविध एसेट्स में निवेश करना और जोखिम को संतुलित करना। ETFs विभिन्न एसेट क्लासेस (जैसे स्टॉक्स, बॉन्ड्स, और कमोडिटी) का मिश्रण होते हैं।
7. डिविडेंड (Dividend ETF)
ये उन निवेशकों के लिए जो नियमित आय और स्थिरता चाहते हैं ETFs उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो नियमित रूप से उच्च डिविडेंड देती हैं।उदाहरण: High Dividend ETF, Dividend Aristocrats ETF
8. वॉल्यूम या वोलैटिलिटी (Volatility ETF)
वोलैटिलिटी में ट्रेडिंग और हेजिंग का विकल्प देना।ये ETFs वोलैटिलिटी इंडेक्स (जैसे VIX) को ट्रैक करते हैं। इनका उद्देश्य बाजार की अनिश्चितता या अस्थिरता पर सट्टेबाजी करना होता है।
9. इन्वर्स (Inverse ETF)
शॉर्ट-सेलिंग की तरह काम करते हैं, ताकि निवेशक बाजार के गिरने पर भी लाभ कमा सकें।ये ETFs किसी इंडेक्स या एसेट की कीमत घटने पर लाभ देते हैं। इन्हें बाजार में गिरावट से लाभ उठाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
10. लीवरेज्ड (Leveraged ETF)
उच्च रिटर्न प्राप्त करना, लेकिन यह जोखिम भी बढ़ाता है।ये ETFs लीवरेज का उपयोग करके किसी विशेष इंडेक्स या एसेट की प्रदर्शन को बढ़ाते हैं। ये 2x या 3x तक रिटर्न देने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
11. थीमैटिक(Thematic ETF)
ये किसी विशेष थीम या ट्रेंड पर आधारित होते हैं, जैसे ग्रीन एनर्जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, या इलेक्ट्रिक वाहन।
12. सोशलली रेस्पॉन्सिबल (Socially Responsible ETF)
ये ETFs सामाजिक रूप से जिम्मेदार निवेश (ESG: Environmental, Social, Governance) के आधार पर कंपनियों का चयन करते हैं।
13. मुद्रा (Currency ETF)
ये ETFs किसी विशेष मुद्रा या मुद्रा के समूह में निवेश करते हैं।
14. रियल एस्टेट(Real Estate ETF)
ये ETFs रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) या रियल एस्टेट से जुड़े अन्य निवेशों में निवेश करते हैं
ETF के फायदे:
कम लागत में विविधीकरण का लाभ।
पूरे दिन ट्रेडिंग की सुविधा।
स्टॉक और म्यूचुअल फंड का मिश्रण।
लंबी अवधि के लिए अच्छा रिटर्न देने की क्षमता।
ETF के नुकसान:
दिन भर के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हो सकता है।
कुछ ETF में कम लिक्विडिटी होती है, जिससे उन्हें बेचना मुश्किल हो सकता है।
इंडेक्स-फॉलोइंग ETF में पासिव इन्वेस्टमेंट की वजह से, बाजार की ओवर-परफॉर्मेंस का लाभ नहीं मिल सकता।
निष्कर्ष:
ETF निवेश की दृष्टि में एक बहुत अच्छा विकल्प है जिसके माध्यम से बहुत सारे इंडक्शन में बड़ी आसानी से निवेश किया जा सकता है पीडीएफ में निवेश करने से आप काफी हद तक में नुकसान को नियंत्रित किया जा सकता है जिससे आप अपने निवेशों को अलग-अलग तरीकों से विभिन्न (exchange traded fund )में बड़ी आसानी से कर सकते हैं!
Is an ETF better than a stock?
ETFs provide the benefits of diversification, including lower risk and less volatility, which often makes a fund safer to own than an individual stock.